मध्यप्रदेश में विभागों का नए सिरे से होगा आवंटन

भोपाल. कमलनाथ सरकार अब विभागों का आवंटन नए सिरे से तय करेगी। केंद्रीय करों में मध्यप्रदेश को मिलने वाली राशि में 15 हजार 233 करोड़ रु. की कटौती हुई है इसके मद्देनजर वर्ष 2019-20 के बचे हुए दो माह के लिए नए सिरे से बजट प्रबंधन करना होगा। वित्त विभाग ने पहले ही 20 प्रतिशत बजट विभाग को रोककर रखा है अब यह राशि और बढ़ जाएगी वहीं खरीदी पर भी जल्द ही पाबंदी लगाई जा सकती है।
राशि की कमी से जूझ रहा वित्त विभाग
राशि की कमी से जूझ रहे वित्त विभाग के ऊपर बजट आवंटन जारी करने को लेकर विभागों का काफी दबाव जानकारी के अनुासर आर्थिक मंदी के कारण राशि की कमी से जूझ रहे वित्त विभाग के ऊपर बजट आवंटन जारी करने को लेकर विभागों का काफी दबाव है। किसान कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समीक्षा करके अप्रैल तक 5 लाख किसानों की कर्जमाफी करने के निर्देश दिए थे इसमें करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए लगने हैं।
राशि का इंतजाम राज्य सरकार को ही अपने खजाने से करना होगा
इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सबसिडी के 1400 करोड रु. ऊर्जा विभाग ने मांगे है इसी तरह अन्य बड़े खर्चें भी है लेकिन आय के साधन सीमित है। केंद्र सरकार से केंद्रीय करों के हिस्से की राशि फरवरी और मार्च में मिलने की उम्मीद थी जो 14 हजार 233 करोड़ रु. की कटौती के बाद धूमिल हो गई है। अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए भी राशि का इंतजाम राज्य सरकार को ही अपने खजाने से करना होगा। ऐसे में वित्त विभाग के पास विभागीय बजट में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
इन पर रहेगी छूट
जानकारी के अनुसार उन कामों के लिए ही विभागों को अब बजट दिया जाएगा जो पूरे होने पर हैं और बजट नहीं दिया तो काम अटक जाएगा। ऐसे खर्च जिन्हें कुछ माह के लिए टाला जा सकता है उसे रोका जाएगा। वेतन-भत्ते, मजदूरी, छात्रवृत्ति, प्राकृतिक आपदा और कर्ज की अदायगी को प्रतिबंधों से मुक्त रखा जाएगा।