भोपाल। वित्तीय वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में कर के बाद लाभ 193 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों में लाभ 547 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही की आय 583 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों की आय 1,790 करोड 31 दिसम्बर 2019 को समाप्त हो रही तिमाही और वित्तीय वर्ष 2020 के पहले नौ माह के लिए पूर्ण परिणाम इस प्रकार हैं। वित्तीय वर्ष 2020 में तीसरी तिमाही में कर के बाद लाभ 193 करोड़ रुपए जो पिछले वर्ष के मुकाबले 78 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों में लाभ 547 करोड़ रुपए हुआ जो पिछले वर्ष के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही की कुल आय 583 करोड़ रुपए रही, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 2 प्रतिशत कम रही, वहीं वित्तीय वर्ष 2020 के नौ महीनों की आय 1790 करोड़ रुपए थी जो पिछले वर्ष के मुकाबले 3 प्रतिशत अधिक रही। एनबीएफसी बिजनैस में लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 36,015 करोड रु रुपए, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक है। आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड के चेयरमैन निर्मल जैन ने वित्तीय परिणामों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि और मैक्रो हैडलाइन नम्बरों में अभी कुछ सुधार होना है, लेकिन क्रेडिट की मांग और तरलता के मामले में अच्छे संकेत मिले हैं। इस तिमाही में आईआईएफएल फाइनेंस के प्रदर्शन ने सभी क्षेत्रों में सुधार दिखाया है। आईआईएफएल को कोर क्षेत्रों के तुलनात्मक रूप से बेहतर होने का लाभ भी मिला है। तीसरी तिमाही के परिणामों ने क्रेडिट ग्रोथ और दीर्घावधि ऋण में बढ़ोतरी दिखाई है। इंडिया इन्फोलाइन फाइनेंस के पास 36,015 करोड़ रुपए के लोन एसेट्स अंडर मैनेजमेंट है। वहीं कुल एयूएम में होम लोन 34 प्रतिशत, बिजनैस लोन 23 प्रतिशत, गोल्ड लोन 21 प्रतिशत और माइक्रोफाइनेंस 8 प्रतिशत था। कम्पनी के पास तिमाही के अंत मेंं 2,366 शाखाएं हैं जो पूरे देश में फैली हंै।
वित्तीय वर्ष 2020 के पहले नौ माह के लिए कम्पनी का आरओई 1 16.3 प्रतिशत और आरओए 1 2.3 प्रतिशत था। पिछले वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले ऋण लागत औसतन 9 बीपीएस तक कम हुई है। वहीं पिछले वर्ष के मुकाबले देखा जाए तो 39 बीपीएस यानी 9.4 प्रतिशत तक बढ़ी
है। नौ माह की अवधि के लिए नेट इंट्रेस्ट मार्जिन 8.2 प्रतिशत था।
हमारे 87 प्रतिशत ़़ऋण रिटेल प्रकृति के हैं और 44 प्रतिशत पीएसएल के अनुसार हैं। लोन बुक अभी 10,114 करोड़ रुपए की है यानी एयूएम की 28 प्रतिशत। इसमें आगे अभी और बढऩे के अवसर हंै, क्योंकि हम रिटेल में ज्यादा काम करते हैं। 31 दिसम्बर 2019 को जीएनपीए 2.27 प्रतिशत और एनएनपीए 0.98 प्रतिशत पर था। आईएनडीएएस के तहत सम्भावित क्रेडिट लॉस को देखते हुए एनपीए का प्रावधान 95 प्रतिशत है। इसमें
स्टेंडर्ड एसेट कवरेज शामिल है। 31 दिसम्बर 2019 को कुल सीएआर 21.4 प्रतिशत था, जिसमें टीयर 1 केपिटल 17.9 प्रतिशत थी। इंडिया इन्फोलाइन फाइनेंस लिमिटेड के सीईओ सुमित बाली ने वित्तीय परिणामों के बारे में कहा हम कोर सम्पत्तियों को बढ़ाने की रणनीति के अनुसार प्रगति कर रहे हेंै। अर्थव्यवस्था में धीमी प्रगति के बावजूद एसेट क्वालिटी संतोषजनक बनी हुई है। हमनें तरलता के प्रवाह में सुधार देखा है और उम्मीद है यह ट्रेंड बना रहेगा।