बात आज से लगभग तीन वर्ष पुरानी है, नित्य की तरह समाचार पत्र पढ़ते समय एक दुखद खबर पर नज़र पड़ी और वह मनहूस खबर थी स्वर्गीय भाई अनुराग चौकसे की निर्मम हत्या......त.
उस खबर को पढ़ने के बाद निश्चित ही समाज का हर वर्ग उद्वेलित और क्रोधित था, पूरे प्रदेश में अनुराग को न्याय दिलाने की एक लहर उठ गई थी और सभी ने अपने अपने स्तर पर प्रयास भी किये।
किन्तु भोपाल में युवाओ की टीम कुछ ओर ही योजना बना रही थी और वह योजना थी एक व्यापक आंदोलन व प्रदर्शन की, सोशल मीडिया पर इस अन्याय के विरुद्ध एक युद्ध छेड़ने की। मुहिम की शुरुआत हुई, एक तीव्र प्रतिक्रिया, समाज के हर वर्ग के एक विशाल एकत्रीकरण ने भाई अनुराग को जल्द से जल्द न्याय दिलाने में यथासंभव सहयोग किया और वही से मिली नौजवानो को कार्य करने की एक अपार ऊर्जा, नया जोश, नयी उमंग, नया उत्साह, एक नया जज़्बा खिला समाज के लिए कुछ कर दिखाने का.......
धीरे धीरे सोशल मीडिया के माध्यम से युवा टीम सक्रिय भूमिका में आने लगी और समाज में सेना की तरह धरातल पर कार्य करने हेतु कुछ अभियानों को पूरा करने का बीड़ा उठाया और एक टीम सामने आकर उभरी वह अदम्य साहसी और जोशीली टीम थी कलचुरी सेना।
कोई भी कार्य तभी सफल होता है जब उसके पीछे के कार्यकर्ताओ का निर्माण हो एवं उनके पास एक वैचारिक आधार हो और हमारी एकता की नीव एवं वैचारिक आधार यदि कोई है तो वो है भगवान सहस्त्रबाहु।
अतः कलचुरी सेना का हमेशा से एक ही लक्ष्य रहा कि भगवान सहस्त्रबाहु की आराधना समाज के हर घर हर जन तक पहुंचे और उसके लिये आवश्यक था एक प्रबल जनसम्पर्क......
प्रबल जनसम्पर्क हेतु घर-घर जाना, ग्रामीण क्षेत्रो में जाना, विवाह समारोह, सुख-दुःख में शामिल होना, एकत्रित होकर त्यौहार मनाना, विभिन्न अवसरों पर समाज के वरिष्ठों का आशीर्वाद लेना एवं बुजुर्गो की तीर्थ यात्रा, प्रतिभाओ का सम्मान, अपने शहर व प्रदेश के बाहर के समाज को समझने के लिये वहाँ के लोगों के विचार जानने के लिए बाहर कार्यक्रमों में जाना, इत्यादि कार्य निरंतर करते रहे।
बस इन्ही कार्य और विचार के साथ आज कलचुरी सेना अपने ध्येय की और अग्रसर है और कलचुरी सेना आप लोगो से चाहती है तो बस इतना की आप जहाँ भी रहे, जिस क्षेत्र में भी रहे वहाँ भगवान सहस्त्रबाहु की आराधना और सामाजिक प्रकल्प शुरू करे,वो भी युवाओ के माध्यम से फिर हम पाएंगे की समाज में युवा किस तरह से निर्मित हो रहा है, जो आगे जाकर एक सभ्य और सुसंस्कारित समाज की स्थापना करेगा।